खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब !!
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है !!
दिल तो दोनों का टूटा हैं वरना !!
चाँद में दाग और सूरज में आग ना होती !!
धोखा देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर !!
हर कांच का टूकड़ा हीरा नहीं होता !!
अगर हम दोस्त होते तो साथ होते !!
वो इश्क़ ही था, जिसने हमें जुदा किया !!
देखा पलट के फिर आँसू गिरा दिया !!
कोई मजबूरी ही होगी जो कह गई भूला दिया !!
न रहा करो उदास किसी वेबफा की याद में वो खुश है !!
अपनी दुनिया में तुम्हारी दुनिया उजाड़ के !!
जो भी आता है EK नयी चोट देकर चला JATA है !!
माना सख्त हूं मैं लेकिन, पत्थर तो नहीं !!
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी आज !!
ज़रा वक़्त पर आना मेहमान-ए-ख़ास हो तुम !!
वो अक्सर देता है मुझे परिंदों की मिसाल !!
साफ़ नहीं कहता के मेरा शहर छोड़ जाओ !!
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है !!
अगर इश्क हो तो कहना अब दिल यहाँ नही रहता !!
अगर मैं भी मिजाज़ से पत्थर होता !!
तो खुदा होता या तेरा दिल होता !!
दर्द भी उन्हीं को मिलते हैं !!
जो रिश्तें दिल से निभाते हैं !!
कुछ लोग भरोसे के लिए रोते है !!
और कुछ लोग भरोसा करके रोते है !!
जरूरी नहीं हर टूटा हुआ इंसान आपको रोता हुआ मिले !!
कुछ अपनी मुस्कान के पीछे लाखों दर्द छुपाए रखते हैं !!
तकलीफ़ ये नहीं की किस्मत ने मुझे धोखा दिया !!
मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नहीं !!
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