इंसान अकेलेपन का नहीं !! किसी के साथ का शिकार बनता है !! 

बदली नहीं हूँ मैं मेरी भी कुछ कहानी है !! बुरी बन गई हूँ अपनों की मेहरबानी है !! 

मैं कभी अकेला नहीं हूँ !! मेरे साथ मेरा अकेलापन जो है !! 

बहुत कम लोग हैं जो मेरे दिल को भाते हैं !! और उससे भी बहुत कम है जो मुझे समझ पाते हैं !!

आज जो अकेलेपन का एहसास हुआ है !! खुद को तो बस संभाल नहीं पाया अपने आसुओं को !! 

मैंने कब कहा तुमसे की कीमत समझो मेरी !! अगर बिकना ही होता तो हम यूँ तन्हा न होते !! 

बहुत सी हसरतों का रोज़ क़तल करता हूँ !! दो वक़्त की रोटी ने मुझे एक गुनाहगार बना दिया !!

क्या बात है तुम बहुत चुपचाप बैठे हो !! दिल में कुछ है या दिल खो बैठे हो !!

सीमा तक सब कुछ अच्छा लगता है !! लेकिन तुम बहुत अच्छे लग रहे हो !! 

इश्क़ की बेड़ी है चाहत की जंजीर है !! में तुम्हे चाहता हूँ आगे मेरी तकदीर हैं !!

अपनो ने अकेला इतना कर दिया !! कि अब अकेलापन ही अपना लगता है !!