जाती हुई मय्यत देख के भी वल्लाह तुम उठ कर आ न सके !! दो चार क़दम तो दुश्मन भी तकलीफ़ गवारा करते हैं !!
यूँ चेहरे पर उदासी ना ओढिये साहब !! वक़्त ज़रूर तकलीफ का है !! लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही !!