ज़िन्दगी मैं तो मुसाफ़िर हूँ तेरी कश्ती का !! तू मुझसे जहाँ कहेगी उतर जाऊँगा !! 

जिंदगी में गलत इंसान ही !! सही सिख देकर जाता है !! 

ज़िन्दगी में जब जीना ही है तो हसकर जीलो यारों !! मिलती नहीं रौशनी अपना दिल जलाने से !! 

जिंदगी में उस शख्स को हराना बहुत मुश्किल है !! जो कभी हार नहीं मानता !! 

कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है !! और यकीन मानो ये बहुत खुबसूरत जवाब होता है !! 

कदर होती है इंसान की जरुरत पड़ने पर ही !! बिना जरुरत के तो हीरे भी तिजोरी में रहते है !! 

इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए ज़िन्दगी !! चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया !! 

इंसान को अपनी औकात भूलने की बीमारी है !! और कुदरत के पास उसे याद दिलाने की अचूक दवा !! 

जाने कब आ के दबे पाँव गुज़र जाती है !! मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके !! 

जिंदगी में सभी को एक मौका मिलता है !! अपनी जिंदगी बदलने के लिए !! 

जिंदगी की राह पर अगर चलते-चलते थक जाओ !! तो थोड़ी देर बैठ जाना इतनी भी क्या जल्दी है गालिब !!