Shayari on sharab
पर्दा तो होश वालो !!
से करते है हुजूर तुम बेनकाब !!
चले आओ हम तो नशे में है !!
रूखी सी जिंदगी !!
गुलाबी बन गई शराब ही !!
जिंदगी जीने का सहारा बन गई !!
शराब वो पिए जिन्हें चढ़के !!
उतर जाती है मैं नहीं पियूंगा !!
कमबख्त दिल में उतर जाती है !!
नशा तो बस तेरी बातों से !!
ही चढ़ जाता है बिन पिए !!
ही मै शराबी कहलाता है !!
इंसान ही तो हूं मैं आशिक !!
दीवाना शायर और शराबी !!
सब तुम्हारी मोहब्बत !!
तेरी जुदाई के गम को हम !!
भुलाने लगे है शराब पी कर !!
अपने दिल को बहलाने लगे है !!
कभी अकेला नही छोड़ोगी !!
कहती थी तुम तेरे गम में वह !!
मासूम लड़का शराबी हो गया !!
खुशियां ना जाने कहां गुम !!
हो गई है दारू ही हमारे !!
जीने का सहारा बन गई है !!
रब की बनाई इस दुनिया में !!
दो ही चीजें खराब है !!
एक मोहब्बत और दूसरी शराब है !!
मत पूछो इश्क में लोगो !!
का हाल कैसा होता है खाली !!
पैमाना भी भरी बोतल जैसा होता है !!
कतरे कतरे में गमों को !!
समेट रहा हूं ज्यादा हो गई !!
भाई आखरी पैग फैक रहा हूं !!
कहते है प्यार जीने नही देता !!
पर जनाब यह अच्छे-अच्छे !!
शराबियो को पीने नही देता !!
हम तुम्हारी यादों में झूमते है !!
और जमाना कहता है देखो !!
आज फिर पी कर आया है !!
मुद्दतों बाद नशे में तुम !!
नजर आए हो हम पीते पीते !!
मर जाएं तो अब कोई गम नही !!
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमो !!
मुझमें जान आ गयी है पीछे मुड़के !!
देखो कमीनो दारू की दुकान आ गयी है !!
इसे भी पढ़े:-
Leave a Reply