Sharab Shayari In Hindi
उनकी आंखें यह कहती रहती हैं !!
लोग नाहक शराब पीते हैं !!
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है !!
करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात !!
तुम्हें जो सोचें तो होता है कैफ़-सा तारी !!
तुम्हारा ज़िक्र भी जामे-शराब जैसा है !!
मुझ तक कब उनकी बज़्म में आता था दौर-ए-जाम !!
साक़ी ने कुछ मिला न दिया हो शराब में !!
मुझे थी तेरे होठों की तलब !!
आज मेरे लबों से यह शराब गुजरी है !!
अरे ना मिले मोहब्बत तो क्या मर जाएंगे !!
हम तो शराब पीकर आराम से सो जाएंगे !!
इश्क का जुनून सिर पर चढ़ रहा है !!
मयखाने से कह दो कि दरवाजा खुला रखे !!
तुम्हारे आंखों की तोहीन है जरा सोचो !!
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है !!
तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालों मे !!
जब तक ना निकले वो मेरे ख्याल से !!
अगर गम मेरे प्यार पर हावी ना होता !!
तो दोस्तो आज मैं भी शराबी ना होता !!
चारों तरफ तनहाई का साया है !!
जिंदगी में प्यार किसने पाया है !!
रह गई जाम में अंगड़ायाँ लेके शराब !!
हम से माँगी न गई उन से पिलाई न गई !!
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी !!
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !!
निगाह-ए-साक़ी से पैहम छलक रही है शराब !!
पिओ की पीने-पिलाने की रात आई है !!
देखा किये वह मस्त निगाहों से बार-बार !!
जब तक शराब आई कई दौर चल गये !!
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