Sharab shayari 2 lines
कहते हैं पीने वाले मर जाते हैं जवानी में !!
हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में !!
इक सिर्फ़ हमीं मय को आँखों से पिलाते हैं !!
कहने को तो दुनिया में मयख़ाने हज़ारों हैं !!
नतीजा बेवजह महफिल से उठवाने का क्या होगा !!
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा !!
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो !!
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है !!
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी !!
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !!
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा !!
ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके !!
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में ‘फ़िराक़ !!
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए !!
ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी कभी !!
पीता हूँ रोज़-ए-अब्र-ओ-शब-ए-माहताब में !!
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ,बस यूँ समझ ले !!
गमों के बोझ से,नशे की बोतल सस्ती लगी !!
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर !!
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं !!
तुम्हारी आँखों की तौहीन है,ज़रा सोचो !!
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है !!
साबित हुआ है गर्दन-ए-मीना पे ख़ून-ए-ख़ल्क़ !!
लरज़े है मौज-ए-मय तेरी रफ़्तार देख कर !!
हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब !!
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया !!
कहीं सागर लबालब हैं कहीं खाली पियाले हैं !!
यह कैसा दौर है साकी यह क्या तकसीम है साकी !!
शिकन न डाल माथे पर शराब देते हुए !!
ये मुस्कुराती हुई चीज़ मुस्कुरा के पिला !!
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