
अकड़ तोड़नी है उन मंजिलों की !!
जिनको अपनी ऊंचाई पर गरूर है !!

बेटा हमें जरा सोच समझकर छेड़ना !!
क्योंकि छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं याद रखना !!

औकात की बात मत कर ऐ दोस्त !!
लोग तेरी बंदूक से ज्यादा मेरी मूँछ से डरते है !!

मुझे क्या डराएगा मौत का मंजर !!
हमने तो जन्म ही कातिलों की बस्ती में लिया है !!

हथियार तो हम शौक के लिए रखते हैं !!
खौफ के लिए तो हमारा नाम ही काफी है !!

शेर के पाव में अगर काटा चुभ जाये !!
इसका ये मतलब नही की कुत्ते राज्य करेंगे !!

ज़िन्दगी से एक सबक मिल गया है !!
अकड़ में रहोगे तो लोग औक़ात में रहते है !!

छोङ देता लेकिन जीत मेरी जिद है !!
और जिद का मै बादशाह हूँ !!


हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते हैं !!
समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते हैं !!

हमारी अफवाह के धुएं वही से उठते है !!
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती हैं !!

हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए !!
हमे दुश्मन भी थोडा खानदानी चाहिए !!

औकात तो कुत्तो की होती है !!
हमारी तो हैसियत हैं !!

आदत हमारी खराब नहीं !!
बस जिंदगी थोड़ी रॉयल जीते हैं !!

गधे हुक्म का इंतज़ार करते हैं !!
शेर सिचुएशन के हिसाब से काम करता हैं !!

जिगर वालों को डर से कोई वास्ता नहीं होता !!
हम वहाँ भी कदम रखते हैं जहाँ कोई रास्ता नहीं होता !!

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