
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें !!
मौत इंसानो को आती है यादों को नहीं !!
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें !!
यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है !!
इतना कुछ हो रहा है,दुनिया में !!
क्या तुम मेरे नही हो सकते !!
यहाँ लोग अपनी गलती नही मानते !!
किसी और को अपना क्या मानेंगें !!

सिगरेट जलाई थी तेरी याद भुलाने को !!
मगर कम्बख्त धुंए ने तेरी तस्वीर बना डाली !!
हमने तो वो खोया जो कभी हमारा था ही नही !!
लेकिन तूने वो खोया जो कभी सिर्फ तेरा था !!
खुद को माफ़ नही कर पाओगे !!
जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे !!
कभी-कभी हाथ छुड़ाने की ज़रूरत नहीं होती !!
कुछ लोग तो साथ रह कर भी बिछड़ जाते हैं !!
तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ !!
तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ !!
बिखरा वज़ूद,टूटे ख़्वाब,सुलगती तन्हाईयाँ !!
कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत !!
रिस्ते तोड़ देने से महोब्ब्त खत्म नही होती कहना उससे !!
लोग याद तो उन्हें भी करते है,जो दुनिया छोड़ जाते है !!
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के !!
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले !!
दर्द दिलो के कम हो जाते !!
मैं और तुम अगर हम हो जाते !!
मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ !!
अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले !!
किसी को प्यार करना और उसी से प्यार पाना !!
बहुत कम लोगों को नसीब होता है !!
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